Tumhaare liye hai -
14th June 2024, 05:53 PM
ज़माने की खुशियां, तुम्हारे लिए है,
ये सुंदर सी दुनिया, तुम्हारे लिए है।।
पहाड़ों का झरना, वो बारिश का गिरना,
वो फूलों की झड़ियां, तुम्हारे लिए है।
गरजते वो बादल, चमकता सा आंचल,
सुहानी सी घड़ियां, तुम्हारे लिए है।
वो मीठी सी बातें, वो पूनम की रातें,
वो मखमल की गुड़िया, तुम्हारे लिए है।
गुलाबों की बस्ती, समंदर की कश्ती,
महकती सी कलियां, तुम्हारे लिए है।
के मेरी ये गजलें, कविता या नगमें,
ये लब्जो की गलियां, तुम्हारे लिए है।
Sushil jain
gul ko zamane mein, gul-e-nayaab kehte hai,
kuchh likhne ke pehle aapko aadaab kehte hai.
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