आरज़ू तो है ग़म भुलाने की -
9th October 2023, 06:13 PM
आरज़ू तो है ग़म भुलाने की
कोई सूरत नहीं ठिकाने की |
आरज़ू- Wish, सूरत- Way/ means
पढ़के देखो ज़रा मेरा किरदार
जान हूँ इश्क़ के फ़साने की |
किरदार- Character, फ़साना - Story
मेरे घरमें कभी क़दम डालो
लाज रखलो ग़रीब ख़ाने की |
ग़रीब ख़ाना - My house
दूर रहकर न हमसे बात करो
यह अदा है दिल दुखाने की |
अदा- Act
हम तो मर जाएँगे जुदाई में
छोड़दो अपनी ज़िद सताने की |
प्यार का रंग दिख ही जाता है
लाख कोशिश करो छिपाने की |
रह गुज़र , तेरी रह गुज़र के सिवा
अच्छी लगती नहीं ज़माने की |
रह गुज़र- Lane/ Street
मेरे ही घर के सामने परवाज़
उसकी ख़्वाहिश है घर बनाने की |
Composed by Mujeeb Parwaaz
|