आओ आजादी की राह पकडें
आज़ाद रहें सबको आज़ाद रखें
कब तक गुलामी में सिसकते रहोगे
परिंदों से पिंजडों में रहते रहोगे
आओ आज़ाद हम आज ख़ुद को करते हैं
बेहतर आजादी की राह पकड़ते हैं
आओ हम आखों में छाये गैर पने को मिटायें
एक बेहतर आजादी की राह हम ख़ुद को दिखाएँ
एक बेहतर आजादी की राह ख़ुद को दिखाएँ
वो हमला तुमने ही तो किया था कभी ख़ुद पर
अब खुदा के लिए आजादी के लिए न देखो किसी पर
वो जज़्बात जो सबके लिए बने हैं आओ उन्हें बाधाएं
चंद लोग जो कर सकते हैं आओ हम भी कर दिखाएँ
एक बेहतर आजादी की राह ख़ुद को दिखाएँ
हटा दो दीवारें जात पात की अपने मन से
हटा दो बनावट का ये आवरण तुम अपने तन से
खुदा के दी लम्हों का सभी आनंद उठाएं
एक बेहतर आजादी की राह ख़ुद को दिखाएँ
बनो ऐसा की आसमा भी तुम पर फक्र रखे
आओ ग़म के अंधियारे में हर सु चमके
बचपन की मासूमियत देखो कहीं खो न जाए
एक बेहतर आजादी की राह ख़ुद को दिखाएँ
नाकामयाबी तो कामयाबी की शुरुआत है
खुदा सब देखता है बस इतनी सी बात है
आओ खुदा में है विश्वास खुदा को बताएं
एक बेहतर आजादी की राह ख़ुद को दिखाएँ
तुम ही मंजिल तुम ही राही तुम ही सफर हो सफर के
क्यूँ ढूंढते हो आसरा तुम ही आसरा हो सबके
वर्तमान को उज्जवल कर कल की राह बनायें
एक बेहतर आजादी की राह ख़ुद को दिखाएँ
तुम दुःख सुख को अपने ऊपर हावी ना होने दो
किसी का दिल न दुखों कोई दुखाये उसे जाने दो
छोटी बातों को रिश्तों के दरमियान न हम लायें
एक बेहतर आजादी की राह ख़ुद को दिखाएँ