एक डोर है नाजुक सी, जिसके एक छोर पर तुम हो, -
30th December 2023, 03:27 PM
बेफ़िक्र, बेपरवाह दुनिया के
रस्म-ओ-रिवाज़ों से,
क्यूँ उड़ी जा रही हूँ, किसी अहसास
के परवाज़ों से,
क्यों एक नज़र भर तुम्हारी,
मेरी साँसों को थामे है,
तुम्हारे रंग में रंगने लगी अब,
मेरी सुबहे और शामें हैं
एक डोर है नाजुक सी,
जिसके एक छोर पर तुम हो,
क्या मैं भी वही हूँ, तुम जिसकी
उल्फ़त में गुम हो,
निभाओगे मेरा साथ तुम,
बस एक ये वादा दे दो,
हर जन्म में मेरे होकर रहोगे,
ये पक्का सा इरादा दे दो
Anil Arora
Naulekahe par tere khoon ki boond hai,
Motiyo ki jagah par jada kaun hai,
Jiski khatir daga chandini se kare,
Puch suraj ki woh dilruba kaun hai?
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