प्रेम में न कोई मोह होता है, -
25th December 2024, 10:35 PM
"प्रेम" क्या है..... ? क्यूँ है.... ?
कैसा है... ? क्यूँ करते है..... ?
प्रेम को न कोई देख सकता है,
न कोई कह सकता है,
न कोई पहचान करा सकता है,
न कोई तोड सकता है,
न कोई छोड सकता है,
न कोई भूल सकता है
प्रेम एक ऐसा भाव है जिसमें प्रेम करने वाला
व्यक्ति अपने प्रेम के लिए दिवाना हो जाता है,
प्रेम में न कोई दुख होता है,
न सुख होता है, न कोई भाव है,
न कोई संदेह है,
न कोई अधिकार है,
न किसी का होता है,
न किसी का हो सकता है,
न कोई प्रमाण है
प्रेम में न कोई मोह होता है,
न कोई स्वार्थ होता है,
न कोई व्यवहार है,
न कोई पद्धति है,
न कोई तन से छूता है,
न कोई मन से छूता है,
न कोई इंद्रियों से छूता है,
केवल आत्मीय ज्योति से ही स्पर्शत!
❤️❤️❤️❤️❤️❤️
Anil Arora
Naulekahe par tere khoon ki boond hai,
Motiyo ki jagah par jada kaun hai,
Jiski khatir daga chandini se kare,
Puch suraj ki woh dilruba kaun hai?
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